काश, नारा होता - मोदी है, तो 'नामुमकिन है...'
झारखंड के सरायकेला में वह कौन सी भीड़ थी, जो तबरेज़ नाम के शख़्स को पोल से बांधकर घंटों मारती रही...? क्या इस भीड़ को हम भारतीय लोकतंत्र का हिस्सा मान सकते हैं...? इस भीड़ ने किसे वोट दिया होगा...? क्या वह सिर्फ़ चोरी के गुस्से में इस शख़्स को पीट रही थी...? या उसे उसके मुसलमान होने की सज़ा भी दे र…